Covered Call Strategy: आसान भाषा में पूरा प्रैक्टिकल गाइड
शेयर मार्केट में कमाई दो तरह की होती है. एक, शेयर के दाम बढ़ने से. दूसरा, शेयर को होल्ड करके उससे हर महीने थोड़ी अतिरिक्त आय निकालने से. Covered Call उसी दूसरी कमाई के लिए है. यह रणनीति उन लोगों के लिए बेहतर है जो अपने स्टॉक्स को लंबा होल्ड करना चाहते हैं और साथ ही उस होल्डिंग से नियमित इनकम भी बनाना चाहते हैं.
नीचे Covered Call का पूरा सेटअप सरल और वास्तविक रूप में समझाया है.
Covered Call: असल में क्या होता है?
अगर आपके पास स्टॉक है, तो आप उसी स्टॉक पर एक कॉल ऑप्शन बेचते हैं. इसके बदले आपको प्रीमियम मिलता है.
शेयर आपके पास ही रहता है. प्रीमियम आपकी जेब में. और यह प्रक्रिया महीने दर महीने दोहराई जा सकती है.
यह रणनीति कब बेहतर चलती है?
Covered Call उन मार्केट कंडीशन में अच्छा काम करता है जहां मार्केट:
- साइडवेज हो
- हल्का ऊपर हो
- ज्यादा उतार–चढ़ाव न हो
बहुत तेज चढ़ाई होने पर शेयर निकल सकता है और बहुत गिरावट में फॉल को यह रणनीति रोक नहीं पाती. लेकिन स्थिर या हल्के सकारात्मक माहौल में यह कमाई का अच्छा साधन है.
किन स्टॉक्स पर Covered Call करें?
इस रणनीति के लिए लिक्विड और स्थिर स्टॉक्स सबसे अच्छे होते हैं. उदाहरण:
- Reliance
- HDFC Bank
- TCS
- Infosys
- ICICI Bank
इन स्टॉक्स में ऑप्शन का वॉल्यूम अच्छा होता है और मूवमेंट भी अपेक्षाकृत स्मूद रहता है.
Covered Call में प्रीमियम कितना मिलता है?
यह स्टॉक और उसकी वोलैटिलिटी पर निर्भर करता है, लेकिन औसत अनुमान इस तरह है:
- Reliance: 1 से 1.5 प्रतिशत महीना
- बैंकिंग स्टॉक्स: 0.8 से 1 प्रतिशत
- हाई IV वाले स्टॉक्स: 1.5 से 2 प्रतिशत
वीकली में प्रीमियम थोड़ा–थोड़ा मिलता है लेकिन decay तेज होता है.
स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें?
यह Covered Call की सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है.
- ATM (बिल्कुल वर्तमान कीमत के आसपास): प्रीमियम ज्यादा, लेकिन शेयर निकल सकता है
- 1–2 प्रतिशत OTM: प्रीमियम भी ठीक और शेयर के ऊपर जाने की गुंजाइश भी
- बहुत दूर OTM: प्रीमियम बहुत कम, रणनीति का फायदा घट जाता है
अधिकतर ट्रेडर 1 से 1.5 प्रतिशत OTM को सबसे संतुलित मानते हैं.
वीकली या मंथली एक्सपायरी?
दोनों सही हैं, यह आपकी सुविधा पर निर्भर है.
वीकली
- तेज decay
- नियमित प्रीमियम
- ज्यादा ध्यान देना पड़ता है
मंथली
- कम निगरानी
- एक बार सेट कर दिया तो महीने भर आराम
अगर समय है तो वीकली अच्छा है. व्यस्त लोग मंथली चुनते हैं.
यदि शेयर स्ट्राइक के ऊपर निकल जाए?
इस स्थिति में दो विकल्प होते हैं:
- एक्सपायरी पर शेयर स्ट्राइक पर बेच दें
- ऑप्शन को रोल कर दें (पुरानी कॉल खरीदकर नई, ऊंची स्ट्राइक की बेच दें)
रोल करने से शेयर आपके पास रहता है और आप रणनीति जारी रख सकते हैं.
यदि शेयर नीचे गिर जाए?
गिरावट में प्रीमियम एक कुशन की तरह काम करता है, लेकिन पूरी गिरावट रोक नहीं सकता. Covered Call गिरावट से सुरक्षा नहीं देता, बस नुकसान थोड़ा कम कर देता है.
एक वास्तविक उदाहरण: Reliance Covered Call
मान लेते हैं:
- आपके पास 100 Reliance हैं @3000
- आज Reliance 3020 ट्रेड कर रहा है
आप 3050 की कॉल बेचते हैं जिसका प्रीमियम, मान लो, 22 रुपये है.
आपकी कमाई:
22 × 100 = 2200 रुपये
अगर Reliance 3050 से नीचे रहा तो यह पूरा प्रीमियम आपका.
अगर 3050 से ऊपर गया तो आपको 3050 पर शेयर बेचने पड़ेंगे, पर प्रीमियम + शेयर की बढ़त दोनों मिलकर अच्छा मुनाफा दे देते हैं.
ब्रोकरेज और बाकी चार्जेस
Covered Call में चार्जेस कम लगते हैं:
- ब्रोकरेज: 20–40 रुपये
- STT + एक्सचेंज शुल्क + GST: 10–20 रुपये
कुल मिलाकर लगभग 30–60 रुपये.
कितनी पूंजी चाहिए?
यह आपकी पसंद के स्टॉक पर निर्भर है.
जैसे Reliance के 100 शेयर लगभग 2.5–3 लाख के आते हैं.
अगर आप 3–4 अलग–अलग स्टॉक्स पर Covered Call करना चाहते हैं, तो 12–15 लाख की पूंजी आराम देती है.
20–25 लाख में यह रणनीति बेहद सुचारू रूप से चलती है.
रिस्क मैनेजमेंट कैसे करें?
- तेज उछाल आए तो स्ट्राइक रोल कर दें
- हल्की गिरावट में पोजीशन होल्ड करें
- जोरदार गिरावट में नीचे की स्ट्राइक तुरंत मत बेचें
- नॉन–लिक्विड स्टॉक्स से दूरी रखें
- हर ट्रेड को प्लान के साथ करें
रियलिस्टिक सालाना रिटर्न
अधिकतर मामलों में:
- 10–15 प्रतिशत सालाना आसानी से
- थोड़ा एक्टिव मैनेजमेंट करें तो 15–20 प्रतिशत भी संभव
इससे ज्यादा उम्मीद रखना व्यवहारिक नहीं है.
लोग सबसे ज्यादा कौन सी गलतियाँ करते हैं?
- बहुत लालच में ATM कॉल बेचना
- गिरावट में घबरा कर पोजीशन काट देना
- कम लिक्विड स्टॉक में ऑप्शन बेचना
- बहुत दूर OTM बेचना
- प्रॉपर प्लान या स्ट्राइक सेलेक्शन न रखना
Bonus: थोड़ी एडवांस बातें
Poor Man’s Covered Call
यह उन लोगों के लिए है जिनके पास शेयर खरीदने के लिए पूरा पैसा नहीं. इसमें आप स्टॉक की जगह लंबी maturity का डीप ITM कॉल खरीदते हैं और छोटी एक्सपायरी का कॉल बेचते हैं.
Diagonal Covered Call
एक expiry का कॉल खरीदना और दूसरी expiry का कॉल बेचना. इससे टाइम वैल्यू का लाभ बढ़ता है और रिस्क थोड़ा कम होता है.
